Thursday, May 24, 2012

मुझे मतलब नहीं.....

सूरज में अगर गर्मी है तो मुझे उसकी राख से मतलब नहीं,
चाँद में अगर दाग है तो मुझे उसकी बदसूरती से मतलब नहीं.

गहरे पानी में अगर काई है तो मुझे उसकी चिकनाई से मतलब नहीं,
सही गर मैंने  किया  तो  मुझे  रुसवाई  से  मतलब  नहीं…….

मतलब  है  तो  उस  एहसास  से  जिसकी  गर्मी  से  रख  बन  गयी,
मतलब  है  तो  उस  प्यार  से  जिसकी  बदसूरती  दिल  को  छू  गयी .

मतलब  है  तो  उन  पलकों  से  जिन में  आंसुओं  की  काई  बन  गयी,
मतलब  है  तो  उस रिश्ते  से  जिस में  रुसवाई   से  ज़िन्दगी   बन  गयी .....

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