Saturday, November 24, 2012

गिला नहीं...............।



इतने तारे हैं आसमान मे,
एक तारा टुटा तो  गिला नहीं।
इतने चाँद हैं छुपे हुए बादलों मे,
एक चाँद रूठा तो गिला नहीं।
वक़्त धीरे धीरे कट जायेगा,
जख्म भी ये भर जायेगा,
इतने बाँध है दिल में रुके हुए,
एक बाँध छूटा तो गिला नहीं।

इतने शख्स  मिलते हैं राहों मे,
एक शख्स खोया तो गिला नहीं। 
इतने मरासिम बनते है सालों मे,
एक मरासिम भूला तो गिला नहीं।
रास्ते आगे बढ़ जायेंगे,  
निशाँ सारे मिट जायेंगे,
राहें तो मिलती जाती हैं,
एक राही पीछे छूटा तो गिला नहीं।

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