गहरी है वो बस गहरी है,
उसमे शोर का कोई चिन्ह नहीं.
उसमे जीवन की कोई चाह नहीं,
आदि है सिर्फ, कोई अंत नहीं.
खड़ी है बस सहारे से,
डह जाएगी एक इशारे से.
वो विशाल है, एक काल है,
उसकी छांव का कोई अर्थ नहीं,
खुद बन जाए इतनी समर्थ नहीं.
गहरी है वो बस गहरी है,
उसमे शोर का कोई चिन्ह नहीं....
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